पन्द्रह वर्ष बीत गए नहीं हो सका नाली का निर्माण
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
जिले के जिन 10 वैध लाइसेंसधारियों को फर्जी शस्त्र लाइसेंस के आरोप में नौ दिन जेल की हवा खानी पड़ी, उसमें से सात लाइसेसियों की वैधता रिपोर्ट डीएम ने बुधवार को एसएसपी को सौंप दी है। अब इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई शुरू करेगी। बाकी तीन लाइसेंसियों की सूची भी जल्द ही एसएसपी को भेज दी जाएगी।
फर्जी शस्त्र मामले में खोराबार के 10 शस्त्र लाइसेंसधारी वैध शस्त्र लाइसेंस होने के बाद भी जेल चले गए थे। जब सभी 10 शस्त्र लाइसेंसधारी जमानत पर रिहा होकर बाहर आए तो एक-एक कर सभी ने अपने शस्त्र लाइसेंस के फाइल की नकल मांगी। जिला प्रशासन ने सभी की पड़ताल कराई तो सभी के मूल दस्तावेज मिल गए। शस्त्र अनुभाग से सभी को नकल की सत्यापित प्रति उपलब्ध करा दी गई। मूल दस्तावेज आने के बाद सभी ने डीएम को आवेदन कर उनके ऊपर लगे मुकदमे को हटवाने के लिए आवेदन किया और कहा कि उन्हें बिना किसी आरोप के फंसाया गया है।
डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने सभी नकल के मूल दस्तावेजों से मिलान कराने के बाद एसएसपी को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए स्वीकृत आवेदन पत्र उपलब्ध करा दिए हैं। जबकि बाकी बचे तीन वैध लाइसेंसियों की भी रिपोर्ट जल्द ही एसएसपी को भेज दी जाएगी। क्योंकि इनके आवेदन देर में मिलने के चलते बुधवार को इनकी रिपोर्ट नहीं जा पाई।
14 अगस्त को पकड़ में आया था फर्जीवाड़ा
फर्जी असलहा लाइसेंस बनाने का मामला 14 अगस्त को सामने आया था। प्रशासन और पुलिस की छानबीन में पता चला कि शस्त्र अनुभाग के दो बाबुओं ने रवि गन हाउस संचालक से मिलकर फर्जी शस्त्र जारी करने का रैकेट चलाया था। इसी मामले में 10 बेगुनाह भी जेल भेजे गए थे।
बोले डीएम
सात लाइसेंस धारकों के आवेदन मिले थे। उनके आवेदन का परीक्षण कराने बाद वैध लाइसेंस की सूची एसएसपी को भेज दी गई है। किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
के. विजयेन्द्र पाण्डियन, डीएम